बीजेपी कोर कमेटी करेगी फैसला।
पीलीभीत,सुल्तानपुर सहित यूपी की शेष सीटों पर फैसला आना बाकी,मेनका गांधी वा उनके पुत्र वरुण गांधी अपने-अपने संसदीय क्षेत्र से लड़ेंगे चुनाव या इधर रहेंगे या जाएंगे उधर, अपनी पूरी राजनीतिक करियर में पहली बार दोराहे पर खड़ी गांधी परिवार की 'भगवा ब्रिगेड',अपने विकास कार्यों, पशु प्रेम व सामाजिक सेवा के लिए अक्सर सुर्खियां बटोरने वाली 'मेनका' गांधी है मौन! तो वही दूसरी तरफ नेहरू युग के 'फिरोज गांधी' की तरह भाजपा में फिलवक्त बागी तेवरों के लिए मशहूर 'फीरोज वरुण गांधी' ने भी साध रखी है चुप्पी!,अपने पार्टी और शीर्ष नेताओं के प्रति अपना रुख बदलकर कुछ समय से कर रहे पीएम मोदी की तारीफ।
28 साल से लगातार मेनका गांधी बीजेपी से हैं सांसद।
स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेई, राजनाथ सिंह वा नितिन गडकरी के संरक्षण में भाजपाई राजनीति का बड़ा चेहरा रहे पूर्व राष्ट्रीय महासचिव वरुण गांधी भी पंद्रह वर्षों से हैं संसद में सदस्य और वर्तमान समय में जनपद पीलीभीत का कर रहे प्रतिनिधित्व वही वीपी सिंह, चंद्रशेखर ,अटल बिहारी वाजपेयी व नरेंद्र मोदी की सरकार में रह चुकी हैं मेनका गांधी केंद्रीय मंत्री,भाजपा के फैसले पर विपक्षी दलों की टिकीं हैं निगाहें,टिकट क्लियर होने का सभी को बेसब्री से है इंतज़ार,बनाएंगे जीत के लिए रणनीति।