विजय नारायण हत्याकांड में बोली डॉ की पत्नी-जो दुःख हम भोगे हैं क्यों कोशिश करेंगे अगला भी भोगे, ईश्वर करेगा न्याय।

विजय नारायण हत्याकांड में बोलो डॉ की पत्नी-जो दुःख हम भोगे हैं क्यों कोशिश करेंगे अगला भी भोगे, ईश्वर करेगा न्याय।


संविदा चिकित्सक घनश्याम तिवारी हत्याकांड के सह आरोपी विजय नारायण की रविवार शाम हत्या की गई। अगले दिन मृतक के भाई ने जहां शूटर समेत अन्य पर एफआईआर कराया वही चिकित्सक की पत्नी, दो भाइयों पर भी केस दर्ज कराया है। केस दर्ज होने पर डॉक्टर की पत्नी निशा तिवारी से फोन पर उनका पक्ष जाना गया। जिस पर उन्होंने कहा,'जो दुःख हम भोगे हैं क्यों कोशिश करेंगे अगला भी भोगे। ईश्वर हमारा न्याय करेगा।'


सबसे पहले जानिए विजय नारायण सिंह की हत्या में हुई FIR में क्या है!
 
मृतक विजय नारायण सिंह के भाई सतीश नारायण की तहरीर पर अंबेडकरनगर के महरुआ निवासी अजय सिंह सिलावर व तीन अज्ञात के पर गोली मारने का आरोप है। मृतक के भाई ने ये भी आरोप लगाया है कि डॉ. घनश्याम की पत्नी निशा तिवारी, डॉ का भाई जो पल्लवी होटल में नौकरी करता है वो व एक भाई जो प्रयागराज में मेडिकल का कार्य करता है इन सबने मिलकर दीपक मिश्रा और जयंत मिश्रा के साथ मिलकर हत्याकांड की साजिश रची। भरत भूषण हत्याकांड के आरोपी दीपक व जयंत ने कॉन्फ्रेंस कॉल करके के दिन में विजय को बुलाया। तब विजय दिनेश कुमार और विनय तिवारी के साथ होटल पल्लवी पर पहुंचा। फिर शाम को दीपक ने अजय को कॉल करके बुलाया और इसके बाद घटना अंजाम पा गई। 


डॉक्टर साहब के न होते हुए मुसीबत बनती जा रही पहाड़!


इस मामले में आरोपी निशा तिवारी ने बातचीत में कहा हम खुद भुक्तभोगी हैं। एक मेरा 7 साल का बच्चा, बिना पढ़ाई लिखाई के 6 महीने से है। हम गांव में हैं। इस स्थिति में हम क्या कर सकते हैं। उन्होंने ये भी कहा जो दुःख हम भोगे हैं क्यों कोशिश करेंगे अगला भी भोगे। जो हुआ है कांड उससे दूर-दूर तक मेरा रिश्ता नहीं है। फिर भी फंसाया जा रहा है मुझे। उन्होंने बताया जो हमारे देवर का नाम है उसमें एक इलाहाबाद में हैं, एक वही जगह थे लेकिन वहां पर नहीं थे। उसके बाद भी नाम डाला गया। निशा ने कहा हम इस कंडीशन में हैं, न मुझे नौकरी मिली न कुछ, एक बच्चे का पोषण कैसे होता है ये आप सब जानते हैं। किस राजनीति के तहत मुझे फंसाया जा रहा है मुझे समझ नहीं आ रहा है। मुझे दोपहर बाद जानकारी हुई की मेरा नाम भी उसमें है। 
फंसाया जा रहा है, तो ईश्वर न्याय करेगा। उन्होंने ये भी कहा मैं मेनका के पास जाऊंगी मुख्यमंत्री के पास जाऊंगी। हर जगह जाऊंगी क्योंकि मुझे और मेरे परिवार को फंसाया जा रहा है। डॉक्टर साहब के न होते हुए अब मुसीबत पहाड़ बनती जा रही है।



दस लाख पकड़ाकर सरकार ने झाड़ा था पल्ला !! 


सितंबर माह में जब चिकित्सक की पीट पीटकर निर्मम हत्या की गई थी तो इस मामले ने राजनीतिक रूप ले लिया था। चिकित्सक की पत्नी निशा तिवारी ने हत्या के अगले दिन आरोप लगाया था कि पुलिस ने साइन कराकर अपने अनुसार अजय व जगदीश के नाम एफआईआर लिखी। उन्होंने 24 सितंबर को दूसरी तहरीर दी थी जिसे विवेचना में जोड़ने की बात कही गई लेकिन ऐसा हुआ नहीं। ठीक एक सप्ताह बाद 30 सितंबर को तिकोनिया पार्क में ब्राह्मण समाज की ओर श्रद्धांजिल सभा का आयोजन हुआ जिसमें जिले समेत कई जनपदों के दिग्गज नेता जमा हुए। तब सरकार बैकफुट पर आई। आनन-फानन में डिप्टी सीएम बृजेश पाठक भेजे गए मुआवजा और नौकरी की मांग हुई। इसके बाद मेनका गांधी भी मिलने पहुंची। लेकिन अंत में दस लाख का चेक थमाकर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। अब एक बार फिर डॉक्टर के परिवार के लोगों का नाम जोड़कर मामले को राजनीतिक रूप दिया गया है। साथ ही केस में दबाव बनाने की साजिश रची गई है। इसका सीधा असर चुनाव पर पड़ेगा जो सत्ता के लिए घातक होगा। 

विजय नरायण की मौत से न्यायालय नहीं आये आरोपित!!

लंभुआ कोतवाली के सखौली गांव निवासी जयसिंहपुर सामुदायिक केंद्र पर तैनात घनश्याम तिवारी ने जगदीश नारायण सिंह से जमीन बैनामा कराया, लेकिन कब्जा देने के लिए जगदीश का पुत्र अजय नारायण अवैध रूपये की मांग की मांग कर रहा था। 23 सितंबर 2023 की शाम उन्हें मामला साफ करने के लिए बुलाया गया। आरोप है कि बुरी तरह पिटाई करके उन्हें ई-रिक्शा से घर भेजा गया जहां से गंभीर हालत में अस्पताल ले जाये गए जहां मृत घोषित कर दिया गया था। चिकित्सक की पत्नी निशा तिवारी ने अजय नरायण, विजय नरायण उनके पिता जगदीश नरायण को नामजद करते हुए एफआईआर लिखाई थी। जिसमे अजय नरायण के साथ रहे ड्राइवर संदीप सिंह को भी आरोपित बनाया गया। सब जेल भेजे गए। उसी में से विजय नरायण की उच्च न्यायालय से जमानत हुई और वो 14 मार्च को बाहर आ गया था। आरोप तय करने के लिए कई पेशियां भी लगी लेकिन सोमवार को सभी न्यायालय उपस्थित होते इससे पूर्व विजय नरायण को दरियापुर चौराहे के पास गोलियों से छलनी कर दिया गया।

रिपोर्ट/सरफराज अहमद