विधानसभा चुनाव में जो नहीं बचा पाये अपना वजूद, लोकसभा चुनाव में वही सपाई भर रहे है राम भुआल को जिताने का दम्भ।

विधानसभा चुनाव में जो नहीं बचा पाये अपना वजूद, लोकसभा चुनाव में वही सपाई भर रहे है राम भुआल को जिताने का दम्भ।

दिग्गजों के चक्रव्यूह को भेदने उतरे राजनीति के नवधा व हताशा खिलाड़ी




मेनका गांधी ने अपने नामांकन में जातिगत वोटों को साधने के लिए कई बड़े निषाद नेता वा मंत्री का लिया सहारा।





कई‌ गुटों में बटे सपाई दे रहे लोकसभा चुनाव में धार

लेकिन सूत्रों की माने तो जमीनी स्तर पर सपा चारों खाने चित नजर आ रही है।लोकसभा चुनाव की सरगर्मी तेज हो गयी है। सभी पार्टियां अपने अपने प्रत्याशी को जिताने के लिए जोर आजमाइश में जुट गयी है। और कल यानी एक मई को भाजपा प्रत्याशी पूर्व केन्द्रीय मंत्री मेनका गांधी ने अपने लाव लश्कर के साथ नामांकन दाखिल किया। वहीं सपा के विधानसभा में अपना वजूद न बचा पाने वाले प्रत्याशी ही अपने गठबंधन प्रत्याशी राम भुआल निषाद को जिताने के लिए केएनआई कस्बा से चुनाव अभियान को धार देने में जुट गये है। प्रदेश उपाध्यक्ष बृजेश यादव की उपस्थिति में वरिष्ठ सपाईयों ने चुनाव का विगुल तो फूंका लेकिन जान नहीं आती दिखी अब तक। हर तरफ हताशा ही हताशा नजर आ रहा है। और अपनी जमीनी हकीकत खो चुके सपा राष्ट्रीय प्रवक्ता के ऊपर ही गठबंधन प्रत्याशी राम भुआल निषाद को जिताने की कमान थोप दी गई है। जबकि विधानसभा में हारे प्रत्याशी लग्जरी गाड़ियों में गठबंधन प्रत्याशी को बैठाकर ऐसी का मजा ले रहे हैं। और झूठे मुद्दे लिए जनता को ठगने का काम कर रहे हैं जो आम जनमानस में चर्चा जोरो पर है जानकारों की मानें तो गांव गिरांव कस्बे में कहीं भी गैर जनपद से आये प्रत्याशी राम भुआल निषाद का नामों निशान नहीं है‌‌। 

सूत्रों की माने तो अभी तक नहीं उबर पा रही गुट बाजी से सपा, पूर्व घोषित प्रत्याशी भीम निषाद की बगावत भी बन सकती है हार की बड़ी वजह, राम भुवाल को प्रत्याशी बनाए जाने के बाद शुरू हुआ था उनका विरोध।






यदि गुटबाजी की बात की जाय तो किसी से छिपी नहीं है पूर्व में गठबंधन से घोषित प्रत्याशी भीम निषाद का टिकट कटवाने के लिए चारों विधानसभा के चुनाव हारे प्रत्याशी सपा मुखिया अखिलेश यादव की खूब परिक्रमा करते नजर आये जिसका नतीजा रहा कि टिकट बदलवाने में कामयाब तो हुए लेकिन कार्यकर्ताओं अथवा आमजनमानस में जोश नहीं भर पा रहे हैं। और नवधा खिलाड़ी पूर्व मंत्री राम भुआल निषाद हताशा और अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं।

रिपोर्ट/सरफराज अहमद