महिला आरक्षी की तरफ से दुष्कर्म का मुकदमा चलाने की बहस पूरी, आदेश सुरक्षित।
पुलिस की विवेचना निरस्त दुष्कर्म के आरोप में मुकदमा चलाने के आदेश के विरुद्ध दायर रिवीजन की सुनवाई जिला जज जय प्रकाश पांडे ने की। दोनों पक्ष की बहस सुनने के बाद आदेश सुरक्षित कर लिया गया। पुलिस कार्यालय में तैनात रही एक महिला कांस्टेबल ने 14 जुलाई को इंस्पेक्टर निशु तोमर के खिलाफ एफआईआर कोतवाली नगर में लिखाया था। जिसमे उसके हलियापुर थाने में तैनात रहने के दौरान वहाँ के थानाध्यक्ष द्वारा दुष्कर्म करने पैसा हड़पने तथा अश्लील वीडियो बनाकर वायरल करने का आरोप लगाया गया। जिसकी पुष्टि महिला कांस्टेबल ने अपने कलम बंद बयान में भी किया है। यह भी बताया कि वहाँ से स्थानांतरण होने के बाद भी आरोपित उसके साथ दुष्कर्म और मारपीट करता था। अश्लील वीडियो देकर वायरल कराया गया। उसी की विवेचना के दौरान आरोपित को महिला थानाध्यक्ष ने गिरफ्तार किया फिर वह लापता हो गया। जिसके संबन्ध में इंस्पेक्टर की पत्नी ने भी उच्च न्यायालय तक में याचिका दायर की। अंततः विवेचक ने सभी धाराओं के आरोप झूठा मान मात्र गाली व जान से मारने कोई धमकी देने का आरोप पत्र न्यायालय में भेज दिया। जिसपर कांस्टेबल के अधिवक्ता संतोष पांडे ने प्रोटेस्ट दाखिल किया था। जिसकी सुनवाई सोमवार को होने के बाद आदेश हुआ कि इंस्पेक्टर नीशू तोमर पर दुष्कर्म धन हड़पने व अन्य धाराओं में भी मुकदमा चलने के साक्ष्य है। इसी आदेश को निरस्त करने पर बहस हुई जिसका आदेश 5 जून को होगा।