अखिलेश यादव ने भीम निषाद को बनाया राष्ट्रीय सचिव,
सपा प्रत्याशी ने भीम को लगाया गले, बीजेपी की बढ़ी मुश्किलें।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सुल्तानपुर में लंबे समय से चले आ रही अंतर्कलह का पटाक्षेप करते हुए डैमेज कंट्रोल कर लिया है। टिकट कटने से नाराज भीम निषाद को उन्होंने राष्ट्रीय सचिव मनोनीत कर दिया है। वही पूर्व मंत्री व पार्टी प्रत्याशी राम भुआल निषाद ने भीम को गले लगाकर गिले शिकवे दूर कर लिए हैं। इस बीच सपाइयों का भी गुटों में बटा धड़ा एक साथ आ गया है। इसे देखकर भाजपाइयों की नींद उड़ गई है।
14 अप्रैल को टिकट कटने के बाद से नाराज थे भीम
लखनऊ स्थित पार्टी दफ्तर पर मंगलवार देर शाम सपा प्रत्याशी व पूर्व मंत्री राम भुआल ने पूर्व में घोषित हुए प्रत्याशी भीम निषाद को गले लगाया। कल ही अखिलेश ने उन्हें राष्ट्रीय सचिव घोषित किया था। राम भुआल और भीम के साथ सपा जिलाध्यक्ष रघुवीर यादव, लोकसभा प्रभारी अरुण वर्मा, विधायक ताहिर खान, राष्ट्रीय प्रवक्ता अनूप संडा, पूर्व विधायक संतोष पाण्डेय व भगेलू राम मौजूद थे। बता दें कि 14 अप्रैल को टिकट कटने के बाद से भीम खासा नाराज थे। ये नाराजगी इतनी हद तक बढ़ गई थी कि वे 24 अप्रैल को सीएम योगी से मिलने पहुंचे थे और उनकी फोटो शेयर हुई तो राजनैतिक गलियारों में हलचल मच गई थी।
निषाद और दलित वोटों में है भीम की सॉलिड पकड़।
भीम ने अपने व बेटे के नाम से नॉमिनेशन फॉम तक खरीद लिया था लेकिन ये अलग बात है कि उन्होंने नामांकन पत्र भरा नहीं। इसका फल उन्हें राष्ट्रीय सचिव के पद के रूप में मिला। कयास लगाया जा रहा है कि आठ माह में भीम ने जो क्षेत्र में साइकिल के लिए जमीन हमवार की है उस पर राम भुआल की साइकिल रेस लगाकर कामयाब हो सकती है। भीम की निषादों में खासा पैठ बन गई थी। साथ ही उन्होंने दलित वोटरों में भी सेंधमारी कर रखा था। जिसका पूरा लाभ इंडिया गठबंधन को होगा। इससे भाजपा और मेनका खेमे में बेचैनी बढ़ गई है।
रिपोर्ट/सरफराज अहमद