बाहुबली पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह सोनू को मारपीट व दीवार ढहाए जाने के मामले में हाईकोर्ट से राहत मिल गई है। उन्हें व उनके साथियों को एमपी/एमएलए कोर्ट ने डेढ़ साल की इस मामले में सजा सुनाया था। 10 जून को उन्होंने कोर्ट में सरेंडर किया जहां से वे जेल भेजे गए थे। आज हाईकोर्ट से उन्हें जमानत मिलने के बाद उनके राजनैतिक विरोधियों में मातम पसर गया है।
फरवरी 2021 की है घटना।
इस घटना की एफआईआर बनारसी लाल कसौंधन निवासी ग्राम मायंग ने लिखाई थी। उनके अनुसार 25 फरवरी 21 को सुबह आठ बजे की है। उनके गांव के पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह सोनू उनके भाई मोनू सिंह, सिंटू जेसीबी लेकर आए और घर में घुस गए। असलहा दिखाकर उन्हें व बेटे अनिल को मारापीटा। जब उनके बेटे व भतीजे डर के मारे भग गए तो इन लोगों ने उनके मकान की दीवार व गेट जेसीबी व हाथ से गिरा दिया। विवेचना में मोनू की नामजदगी गलत पाई गई जबकि सोनू, सिंटू व जेसीबी चालक अमेठी निवासी रुक्सार पर मुकदमा चला। अभियोजन के 9 गवाह परीक्षित हुए थे। जिनके आधार पर तीनों को तत्कालीन मजिस्ट्रेट योगेश यादव ने 6 जुलाई 2023 को सजा सुनाने के बाद जमानत पर रिहा कर दिया था।
10 जून को किया था सरेंडर
उसी आदेश के विरुद्ध यह अपील दायर की गई थी। जो निरस्त हुई और सजा बहाल हुई तो उनके अधिवक्ता रूद्र प्रताप सिंह मदन ने समर्पण के लिए अवसर मांगा। जिसे विशेष जज एकता वर्मा ने निरस्त कर गिरफ्तारी का वारंट जारी किया था। सूर्य प्रकाश उर्फ अंशु व सोनू सिंह ने अधिवक्ता के माध्यम से 10 जून को समर्पण कर दिया। सजा बहाली के आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई। जिसमें आज उन्हें हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है।
रिपोर्ट/सरफराज अहमद