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अयोध्या के महंत धर्मदास बोले-हिंदू लड़के को अत्याचार पर पुरस्कार और मुसलमान के लड़के को गोली मारो, ऐसा नहीं चलता।

अयोध्या के महंत धर्मदास बोले-हिंदू लड़के को अत्याचार पर पुरस्कार और मुसलमान के लड़के को गोली मारो, ऐसा नहीं चलता।



सुल्तानपुर में जश्न-ए वारिस पाक का हुआ आयोजन


नगर के खुर्शीद क्लब ग्राउंड पर बुधवार रात गंगा-जमुनी तहजीब का समागन देखने को मिला। यहां जश्न-ए वारिस पाक के अवसर पर कव्वाली का आयोजन हुआ, जिसमें अयोध्या के महंत धर्मदास और मोबीन अहमद वारसी ऊर्फ लड्डन बाबा ने संयुक्त रूप से फीता काटकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। 

मीडिया से बात करते हुए महंत धर्मदास ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से प्रदेश सरकार पर हमला बोला। कहा सरकार चाहे किसी की हो, अगर वह अराजकता उत्साहित करता है तो वह सरकार नहीं है। अराजकता को रोकता है और हिंदू-मुसलमान, यह हिंदू का लड़का है और अत्याचार करता है तो इसको पुरस्कार करो और मुसलमान का लड़का है और गलत करता है तो इसको गोली मारो। ऐसा नहीं चलता है और ऐसा होना भी नहीं चाहिए।

स्वार्थ में हुआ देश का बंटवारा

महंत धर्मदास ने आगे कहा अपने पर विश्वास हो तो हम गलत न करें, हम सचरित्र रहें, हम धनवान रहें अधिक से अधिक परिश्रम करके अपना काम करें। अपने अगल-बगल भी देखें कि कोई भूखा तो नहीं अगर भूखा है तो पहले उसे खिलाओ। यही सारी किताबों में भी लिखा है। इसमें हिंदू-मुसलमान नहीं है। आजादी से थोड़ा सा पहले से यह बवंडर चला और यहां तक आया। नहीं तो सब एक में ही रहे, एक साथ देश की आजादी में रहे। फिर बंटवारा हो गया और बंटवारा क्यों हुआ केवल स्वार्थ में। अब वहां के लोग भी रो रहे हैं और यहां के भी। 

केवल राम-राम, अल्लाह कहने का फायदा नहीं 


उन्होंने ये भी कहा केवल राम-राम कहने से या केवल अल्लाह-अल्लाह कहने से फायदा नहीं है। कर्म करना पड़ेगा तभी फायदा है। जैसे गुड-गुड कहने से फायदा नहीं होगा, गुड जीभ पर डालना पड़ेगा तब जीभ स्वाद देगी। भारत में कभी भी आतंकवाद न रहा है और न रहेगा। मैं आपको बताता हूं चाहे वह हिंदू हो, चाहे वह मुलसमान करता हो, चाहे वह सिख करता हो और चाहे वह ईसाई करता हो उसका कोई भी माई-बाप नहीं होता है। सरकार उसको जहई का तहई करती है। 

चिंता से ज़्यादा अमल करें/ डीआईजी 

कार्यक्रम के चीफ गेस्ट डीआईजी सीआरपीएफ (त्रिसुंडी) राजेंद्र प्रसाद पांडेय ने कहा कि हम किसी भी चीज की केवल चिंता करते हैं अमल नहीं करते। मैं आपको बताऊं कि यदि हर आदमी यह संकल्प ले ले कि वह अपने विकास के लिए कार्य करेगा, अपने आगे बढ़ने के लिए कार्य करेगा, दूसरे को पीछे करने के लिए नहीं। हर आदमी चाहता है कि प्रेम और आपस में सौहार्द बढ़े लेकिन सिर्फ एक आशंका रहती है कि अगला गड़बड़ करेगा। अब अगर यह मैसेज हर व्यक्ति में कनवे हो जाए कि नहीं आप अपने को सही रखें सारी दुनिया सही हो जाएगी। 

मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना, इसको आचरण में लाए 


उन्होंने कहा एक कहावत कि "मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना"। होता क्या कि हम केवल शब्दों पर जाते हैं आचरण में नहीं लाते हैं। मैं यह कहना चाहता हूं कि यदि आप उसको आचरण में लाए तो उसका सबसे ज़्यादा लाभ आप को ही होगा। मैं सभी से यही अपील करता हूं कि आप बड़े बिजनेसमैन बन जाइये, आप बड़े अधिकारी बन जाइये, आप बड़े किसान बन जाइये। आप देखियेगा कि देश-समाज आपका अपने आप तरक्की कर लेगा।

रिपोर्ट/सरफराज अहमद 

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